अधूरा खत
मयूर निशा का विद्यालय की फेयरवेल पार्टी में एक हिंदी फिल्म के गाने पर नृत्य देखकर निशा के नृत्य का दीवाना हो जाता है। पर निशा को यह गलतफहमी हो जाती है, कि मयूर उस से प्रेम करने लगा है।
यह दोनों 11वीं कक्षा के विद्यार्थी थे। धीरे-धीरे दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो जाती है।
निशा को इंतजार था, कि कब मयूर उसके सामने प्रेम का प्रस्ताव रखेगा, पर निशा का इंतजार खत्म नहीं होता है।
और दोनों 12वीं कक्षा पास कर के अलग-अलग कॉलेज में पढ़ने लगते हैं। फिर भी निशा सप्ताह में एक दिन मयूर से जरूर मिलती थी। क्योंकि निशा मयूर को तन मन से अपना सबकुछ मान चुकी थी।
निशा एक बहुत अमीर परिवार से थी। और मयूर मध्यवर्गीय परिवार से था।
मयूर अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। मयूर के पिता सरकारी नौकरी करते थे। उनका स्वर्गवास हो चुका था। मयूर की मां को पेंशन मिलती थी, उसी से घर का खर्च चलता था।
निशा को मयूर के जन्मदिन की तारीख कीजानकारी थी। वह मयूर के जन्मदिन की एक छोटी सी पार्टी एक रेस्टोरेंट में रखती है। और अपने मयूर के नए पुराने दोस्तों को निमंत्रण देती है, पर मयूर अपने जन्मदिन की इस पार्टी में खुद ही नहीं पहुंचता।
इस घटना से निशा को बहुत दुख होता है। और वह एक 2 महीने के लिए मसूरी घूमने चली जाती है।
मसूरी घूमते हुए निशा को मयूर की मां किसी अजनबी व्यक्ति के साथ घूमती हुई मिल जाती है।
मयूर की मां से बात करने के बाद निशा को पता चलता है, कि यह मयूर की सौतेली मां है। मयूर की मां की मृत्यु के बाद मयूर के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। और मयूर की सौतेली मां ने भी दूसरी शादी कर रखी है। और सबसे बुरी बात निशा को लगती है, कि मयूर के पिता ने सरकारी पैसे का गबन किया था। और उनकी मृत्यु प्राकृतिक नहीं थी,उन्होंने इसी वजह से आत्महत्या की थी।
अपनी तरफ से प्रेम में मयूर की बेरुखी और उसके परिवार के बैकग्राउंड की वजह से निशा उस दिन से मयूर से दूरी बना लेती है।
औरकुछ दिनों के बाद विदेश मैं रहे रहेडॉक्टर लड़के से निशा की शादी का रिश्ता तय हो जाता है। निशा शादी के लिए हां कह देती है।
निशा शादी से पहले आखिरी बार अपनी शादी के
निमंत्रण के बहाने मयूर से मिलने उसके घर जाती है। उस दिन मयूर घर पर अकेला ही था।
निशा को देखकर मयूर बहुत खुश हो जाता है। उस दिन निशा को मयूर के मन में कोई बहुत बड़ा दुख महसूस होता है। पर उस दिन उसे मयूर की आंखों में अपने लिए बहुत ज्यादा प्रेम भी महसूस होता है।
मयूर निशा के लिए चाय बनाने के लिए रसोई घर में जाता है। तभी निशा की नजर मयूर की डायरी में रखें एक खत पड़ती है।
निशा चुपचाप उसको पड़ने लगती है। यह खत मयूर और निशा के विद्यालय के दिनों का था। खत में लिखा था।
मेरी प्यारी निशा♥️
🌹 मेरी खुशी तुझसे ही है। इसलिए मैं तुम्हें छोटे से छोटा दुख भी नहीं देना चाहता। मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है, सिवाय गरीबी अपने परिवार की जो इस दुनिया में बदनामी के सिवा।
मैं तुम्हारी खूबसूरत यादों के सहारे अपना पूरा जीवन काट लूंगा।
खत पढ़कर निशा की आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं। निशा रसोई घर में जाकर मयूर के सीने से लग जाती है। और अधूरे खत को पूरा करने के लिए लिखती है, मेरी खुशी तुझसे ही है।
तुम्हारी♥️❤️ निशा
Khushbu
13-Nov-2022 05:55 PM
Nice 👍🏼
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Mahendra Bhatt
04-Nov-2022 04:31 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Palak chopra
03-Nov-2022 03:05 PM
Shandar 🌸
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